Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 44 in Hindi
44. जबकि न्यायालय को एक व्यक्ति की किसी अन्य के साथ नातेदारी के बारे में राय बनानी हो, तब ऐसी नातेदारी के अस्तित्व के बारे में ऐसे किसी व्यक्ति के आचरण द्वारा अभिव्यक्त राय, जिसके पास कुटुम्ब के सदस्य के रूप में या अन्यथा उस विषय के संबंध में ज्ञान के विशेष साधन हैं, सुसंगत तथ्य है:
परन्तु भारतीय विवाह-विच्छेद अधिनियम, 1869 के अधीन कार्यवाहियों में या भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 82 और धारा 84 के अधीन अभियोजनों में ऐसी राय विवाह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी ।
दृष्टांत
(क) प्रश्न यह है कि क्या क और ख विवाहित थे। यह तथ्य कि वे अपने मित्रों द्वारा पति और पत्नी के रूप में प्रायः स्वीकृत किए जाते थे और उनसे वैसा बर्ताव किया जाता था सुसंगत है।
(ख) प्रश्न यह है कि क्या क, ख का धर्मज पुत्र है। यह तथ्य कि कुटुम्ब के सदस्यों द्वारा क से सदा उस रूप में बर्ताव किया जाता था, सुसंगत है।
Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 44 in English
- When the Court has to form an opinion as to the relationship of one person to another, the opinion, expressed by conduct, as to the existence of such relationship, of any person who, as a member of the family or otherwise, has special means of knowledge on the subject, is a relevant fact:
Provided that such opinion shall not be sufficient to prove a marriage in proceedings under the Divorce Act, 1869, or in prosecution under sections 82 and 84 of the Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023.
Illustrations
(a) The question is, whether A and B were married. The fact that they were usually received and treated by their friends as husband and wife, is relevant.
(b) The question is, whether A was the legitimate son of B. The fact that A was always treated as such by members of the family, is relevant.