Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 133 in Hindi
133. यदि किसी वाद का कोई साक्ष्य स्वप्रेरणा से ही या अन्यथा उसमें साक्ष्य देता है तो यह न समझा जाएगा कि एतद्वारा उसने ऐसे प्रकटन के लिए, जैसा धारा 132 में वर्णित है, सम्मति दे दी है, तथा यदि किसी वाद या कार्यवाही का कोई पक्षकार ऐसे किसी अधिवक्ता को साक्षी के रूप में बुलाता है, तो यह कि उसने ऐसे प्रकटन के लिए अपनी सम्मति दे दी है केवल तभी समझा जाएगा, जबकि वह ऐसे अधिवक्ता से उन बातों के बारे में प्रश्न करे, जिनके प्रकटन के लिए वह ऐसे प्रश्नों के अभाव में स्वाधीन न होता ।
Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 133 in English
- If any party to a suit gives evidence therein at his own instance or otherwise, he shall not be deemed to have consented thereby to such disclosure as is mentioned in section 132; and, if any party to a suit or proceeding calls any such advocate, as a witness, he shall be deemed to have consented to such disclosure only if he questions such advocate, on matters which, but for such question, he would not be at liberty to disclose.