Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 22 in Hindi
22. अभियुक्त व्यक्ति द्वारा की गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में विसंगत होती है, यदि उसके किए जाने के बारे में न्यायालय को प्रतीत होता हो कि अभियुक्त व्यक्ति के विरुद्ध आरोप के बारे में वह ऐसी उत्प्रेरणा, धमकी, प्रपीड़न या वचन द्वारा कराई गई है जो प्राधिकारवान व्यक्ति की ओर से दिया गया है और जो न्यायालय की राय में इसके लिए पर्याप्त हो कि वह अभियुक्त व्यक्ति को यह अनुमान करने के लिए उसे युक्तियुक्त प्रतीत होने वाले आधार देती है कि उसके करने से वह अपने विरुदध कार्यवाहियों के बारे में ऐहिक रूप का कोई फायदा उठाएगा या ऐहिक रूप की किसी बुराई का परिवर्जन कर लेगा:
परंतु यदि संस्वीकृति ऐसी किसी उत्प्रेरणा, धमकी, प्रपीड़न या वचन से कारित हुआ है, पूर्णतः दूर हो जाने के परश्चात् की गई है, तो वह सुसंगत है:
परंतु यदि ऐसी संस्वीकृति अन्यथा सुसंगत है, तो वह केवल इसलिए कि वह गुप्त रखने के वचन के अधीन या उसे अभिप्राप्त करने के प्रयोजनार्थ अभियुक्त व्यक्ति से की गई प्रवंचना के परिणामस्वरूप, या उस समय जब कि वह मत्त था, की गई थी या इसलिए की वह ऐसे प्रश्नों के, चाहे उनका रूप कैसा ही क्यों न रहा हो, उत्तर में की गई थी जिनका उत्तर देना उसके लिए आवश्यक नहीं था, या केवल इसलिए की उसे यह चेतावनी नहीं दी गई थी कि वह ऐसी संस्वीकृति करने के लिए आबद्ध नहीं था और कि उसके विरुदुध उसका साक्ष्य दिया जा सकेगा, विसंगत नहीं हो जाती ।
Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 22 in English
- A confession made by an accused person is irrelevant in a criminal proceeding, if the making of the confession appears to the Court to have been caused by any inducement, threat, coercion or promise having reference to the charge against the accused person, proceeding from a person in authority and sufficient, in the opinion of the Court, to give the accused person grounds which would appear to him reasonable for supposing that by making it he would gain any advantage or avoid any evil of a temporal nature in reference to
the proceedings against him:
Provided that if the confession is made after the impression caused by any such inducement, threat, coercion or promise has, in the opinion of the Court, been fully removed, it is relevant:
Provided further that if such a confession is otherwise relevant, it does not become irrelevant merely because it was made under a promise of secrecy, or in consequence of a deception practised on the accused person for the purpose of obtaining it, or when he was drunk, or because it was made in answer to questions which he need not have answered, whatever may have been the form of those questions, or because he was not warned that he was not bound to make such confession, and that evidence of it might be given against him.