Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 36 in Hindi
36. वे निर्णय, आदेश या डिक्रियां जो धारा 35 में वर्णित से भिन्न हैं, यदि वे जांच में सुसंगत लोक प्रकृति की बातों से सम्बन्धित हैं, तो वे सुसंगत हैं, किन्तु ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्रियां उन बातों का निश्चायक सबूत नहीं हैं जिनका वे कथन करती हैं।
दृष्टांत
क अपनी भूमि पर अतिचार के लिए ख पर वाद लाता है। ख उस भूमि पर मार्ग के लोक अधिकार का अस्तित्व अभिकथित करता है जिसका क प्रत्याख्यान करता है। क द्वारा ग के विरुद्ध उसी भूमि पर अतिचार के लिए वाद में, जिसमें ग ने उसी मार्गाधिकार का अस्तित्व अभिकथित किया था, प्रतिवादी के पक्ष में डिक्री का अस्तित्व सुसंगत है, किन्तु वह इस बात का निश्चायक सबूत नहीं है कि वह मार्गाधिकार अस्तित्व में है।
Bharatiya Sakshya Act, 2023 Section 36 in English
- Judgments, orders or decrees other than those mentioned in section 35 are relevant if they relate to matters of a public nature relevant to the enquiry; but such judgments, orders or decrees are not conclusive proof of that which they state.
Illustration
A sues B for trespass on his land. B alleges the existence of a public right of way over the land, which A denies. The existence of a decree in favour of the defendant, in a suit by A against C for a trespass on the same land, in which C alleged the existence of the same right of way, is relevant, but it is not conclusive proof that the right of way exists.